हेलो दोस्तों कैसे है आप ? उम्मीद करता हूँ, आप अच्छे ही होंगे, स्वागत हे आपका मेरे इस ब्लॉग पर, इस ब्लॉग के जरिये में आपको बताने वाला हूँ। की माउस क्या है ? इसके बारे में पुरे जानकारी देने वाला हूँ। तो आपको इस आर्टिकल के साथ आखरी तक बने रहे। तो चलिए आज की टॉपिक पर अच्छी तरह से जिक्र करते हैं.
'' कंप्यटर ''आजकल हर क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है। ऐसे में नए कंप्यूटर यूजर को माउस के बारे में पता नहीं होते हैं। तो चलिए माउस को आसान भाषा में समझते हैं: '' मनुष्य'' इस दुनिया में कोई भी वास्तु को अपने जरुरी कार्य के लिए हाँथ से छूते है। उसी तरह माउस का उपयोग कंप्यूटर में कार्य को आसान बनाने के लिए माउस की मदद से करते हैं .इसिलए माउस का इस्तिमाल कंप्यूटर में किया जाता है। । माउस के बारे में निचे विस्तार से बताया गया है.
माउस क्या है?
माउस एक हार्डवेयर इनपुट डिवाइस है। माउस दांये हाँथ से चलाया जाता है। जब ये चलाया जाता है , तो कंप्यूटर के स्क्रीन पर एक तीर चिन्ह दिखाई देती है, जब माउस को इधर - उधर हिलाते हैं, तो तीर भी स्क्रीन पर हिलने लगते हैं। ये जो तीर होतें हैं। इसे कर्सर भी कहा जाता है। "माउस" का काम मॉनिटर में किसी फाइल को ओपन या बंद करना होता हैं।
माउस में कितने बटन होते हैं और उनकी क्रियाएँ क्या है ?
माउस कुल तीन बटन होते हैं। left button, right button और बिच में scroll button . माउस के बटन को Click भी कहा जाता है। माउस के कई प्रकार की क्रियाएँ होती हैं। जो निचे विस्तार से बताया गया है।
1 pointing . होम स्क्रीन पर किसी फोल्डर या सॉफ्टवेयर पर माउस की तीर को ले जाते हैं, तो उस फोल्डर में एक बॉक्स बन जाता है। , उसे पोंटिंग करना कहते हैं।
2 singal click . माउस को जब हम किसी फोल्डर पर लाकर , माउस के right button को एक बार क्लिक करते हैं. तो फोल्डर सेलेक्ट हो जाता है। इस बटन का उपयोग मेनू को ओपन करना , ओपन किया हुआ सॉफ्टवेयर को बंद कारन , वेबपेज को मिनीमाइज करना और किसी लिंक को आपने करे के लिए किया जाता है।
3 double click. जब हम माउस के बाएं बटन को जल्दी - जल्दी बार क्लिक करते हैं , तो इस क्रिया को double click कहा जाता है। double click करने से चयन किया हुआ, फोल्डर या सॉफ्टवेयर सीधा खुल जाता है।
4 three click . इसका उपयोग text को select करने के लिए उपयोग किया जाता है। जब हम माउस के बाएं बटन को जल्दी -जल्दी तीन बार click करते हैं ,तो लिखी गई text select हो जाता है।
5 right click. ( पहला ) जब हम माउस की तीर को किसी फोल्डर पर लाकर। दांये बटन को क्लिक करते हैं, इस क्रिया को राइट क्लिक कहा जाता है। किसी folder पर तीर को लाकर right click करेंगे तो उस folder में क्या - क्या option available है। वो सारी list open हो जाती है और उस option को right click करके पर्दशन कर सकते हैं। जैसे निचे चित्र पर दिखाया गया।
(दूसरा ) जब हम माउस को , computer की home screen पर right click करते हैं , तो कंप्यूटर की sitting option खुल जाती हैं। इस बटन (click) का उपयोग ज्यादातर कंप्यूटर को refresh करने के लिए किया जाता हैं।
6 dragging. जब हम माउस पॉइंटर को किसी ऑयकन पर लाकर बाएं बटन दबाकर पकड़ लेते हैं और दबाए रखकर ही माउस को इधर -उधर सरकते हैं , इस क्रिया को खींचना या ड्रैग करना कहा जाता है . इसका उपयोग कंप्यूटर यूजर द्वारा ज्यादातर : किसी चित्र को बनना , किसी लोगो को बनना और किसी भी डिजाइनिंग करते समय। इत्यदि में किया जाता है।
7 scroll . माउस के बाएं और दाएं के बिच बटन को scroll बटन कहा जाता है। इसका उपयोग ओपन किये गए , वेबपेज को ऊपर - निचे करने के लिए किया जाता है।
माउस के आयकॉन क्रिया के अनुसार।
mouse एक pointer device है। और ये cursor के नाम से भी जाना जाता है। माउस क्रिया स्थिति के अनुसार cursor screen पर अलग-अलग रूप बदलते हैं । जैसे निचे चित्र में दिखाया गया।
Mouse कितने प्रकार के हैं। - How many type of mouse in Hindi?
दुनिया में technology बड़ जाने के कारन माउस में बहुत बदलाव किया गया है। क्रियाएं सभी सामान होती है , लेकिन mouse का look अलग -अलग है । Mouse 3 को भागों में बाटा गया है
- Mechanical Mouse = मैकेनिकल माउस एक इनपुट डिवाइस है। इसमें निचे की तरफ एक रबर बॉल होती है जब माउस को समल जगह पर हिलाते हैं ,तो माउस के अंदर सेंसर गति का पता लगाते हैं और उसी के अनुसार माउस पॉइंटर हिलते है। इसे बॉल माउस भी कहा जाता है। यह माउस का अविष्कार सन 1972 में बिल इंग्लिश ने किया था।
- Optical Mouse = ऑप्टिकल माउस एक उन्नत पॉइंटिंग डिवाइस है, यह सबसे पहले माइक्रोसॉफ्ट ने 19 अप्रैल 1999 में पेश किया था इसमें माउस के निचे छूटा सा led बल्ब लगी होती हैं. आजकल इस माउस का उपयोग अधिक किया जा रहा है।
- Wireless Mouse = wireless mouse को cordless mouse के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कोई तार नहीं होते हैं ,इसे कम्प्यूटर के साथ जोड़ने के लिए कंप्यूटर में USB port लगाया जाता है। जिस तरह कम्प्यूटर से wifi जोड़ते हैं उसी तरह इसे भी जोड़ते हैं। wireless mouse में battery होती है। इस माउस की मांग भी मार्केट में बहुत ज्यादा है क्योंकि इसमें तार की कोई झझंड नहीं होती है।
इसे भी पढ़िए -मॉनिटर क्या है और कितने प्रकार के होते हैं ?
mouse का अविष्कार किसने किया था ?
सबसे पहले माउस का अविष्कार डगलस एंगेलबार्ट ने 1964 में किया था। यह तब की बात है, जब पहली पीढ़ी कंप्यूटर चल रही थी इसे लकड़ी से बनाया गया था इसमें दो पहिये थे, जिससे आगे -पीछे सरकते थे।
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