.हेल्लो दोस्तों ! कैसे है आप?
उमीद करता हूँ अछे ही होंगे. आज एक इस आर्टिकल में हम सिखने वाले हैं- रोम क्या, रोम कैसे काम करता है ,रोम के कितने प्रकार होते हैं, रोम का अविष्कार किसने क्या, रोम का उपयोग कंहा
होता है और रोम full form क्या है?. यदि आप इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते
है, तो इस आर्टिकल को अंत तक पढिये. तो बिना वक्त बर्बाद किए आज के विषय पर चर्चा
करते हैं.
ROM क्या है?
रोम आतंरिक मेमोरी का भाग है. इसका full form Read only
memory है. इसमें उपस्थित डेटा या निर्देश स्थाई होते हैं जिस कारण इन्हें केवल पड़ा
जा सकता है और इस मेमोरी डेटा केवल एक बार ही स्टोर किया जा सकता है इसमें उपस्थित
डेटा को परिवर्तन का सम्भव नहीं है. रोम चिप बनाते समय ही उसमे आवश्यक डेटा और प्रोग्राम्स
को अस्थाई रूप से स्टोर किया जाता जिसे
बाद में परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होती हैं.ram non-voletile के कारण कंप्यूटर
में power सप्लाई बंद होने के बाद भी इसमें डेटा सुरक्षित रहती है.
Rom ka full form
R= Read, O= only, M= memory
रोम कैसे कम करता है?
रोम का उपयोग कंप्यूटर के आलावा डिजिटल कैमरा,वाशिंग मशीन, डिजटल घड़ी और खाना बनाने वाले कुकर में भी होता है. रोम का basically काम होता है “याद” रखना, जिस तरह मनुष्य की दिमाग में यादाश होती है. उसी तरह रोम में भी डेटा डेटा को यादाश के लिए स्टोर को किया जाते हैं.
जैसे- डिजिटल घड़ी में याद करने “रोम” पर डेटा को इस प्रकार स्टोर किया जाता है की घड़ी गिनती 1 से 12 तक ही होगी.
आशा करता हूँ आप समझ
गए.
Rom का
खोज किसने किया था?
लगबग 1980 के आसपास में, जेम्स रुस्सेल्ल
विज्ञानिक ने खोज किया था इस मेमोरी का अपग्रेड रोम ही आज हमें देखना को मिलता है.
रोम कितने प्रकार के होती है?
1.PROM
इसका full form
Programmable Read Only Memory होता है यह एक ऐसे मेमोरी है, जिसे प्रोग्राम की
सहायता से इसमें डेटा को स्टोर किया जाता है. रोम में ट्रांजिस्टर स्विच को स्थाई रूप से on(1) और ऑफ़(0) के स्थिति में सेट दिया जाता है. लेकिन इस मैमोरी को इस तरह बनाया
जाता है, इसके सभी स्विच को on करके छोड़ दिया जाता है. इस मैमोरी को प्रोम प्रोग्रामर या बर्नर से डेटा को स्टोर
किया करते हैं . जब इसमें बर्नर दवारा डेटा
को डालना होता है, तो हाई वोल्टेज प्लस उत्पन किये जाते हैं, जिनसे कुछ स्विच
नष्ट हो जाते हैं अर्थात वे 0 और 1 के रूप
में बदल जाते हैं. प्रोम मैमोरी भी रोम की तरह इसमें डेटा स्थाई होती है और ये दुबारा rewrite नहीं किया
जा सकता, power सप्लाई बंद होने के बाद भी इसमें उपस्थित डेटा सेफ रहती है.
2. EPROM
इसका पूरा नाम Eraseble
Programmable Read Only Memory होता है यह ऐसा मैमोरी है, जिसके फिर से प्रोग्राम
या लिखा जा सकता है .इस मैमोरी में स्टोर
की गई सूचनाओं उस सक्रिट से हटाकर उसमे
बनी हुए एक खिड़की से अल्ट्रावोयलेट प्रकाश डालकर उपस्थित डेटा को साफ किया जाता है
और बाद में एप्रोम बर्नर से फिर से डेटा स्टोर किया जाता है इसमें स्टोर की गई
स्थाई होती है कंप्यूटर को बंद करने पश्चात् इसमें डेटा सुरक्षित रहती है.
3. EEPROM
इसका पूरा नाम
Electronically Erasable Programmable Read Only memory है. इस मैमोरी डेटा को
बदलने के लिए सर्किट से हटाने और निर्माता को भेजने की जरुरत नहीं होती है. यह
कम्पुटर में ही एक विशेष सॉफ्टवेर के दवारा एक बार में इसके बाइट को साफ करके rewrite किया जा सकता है. यह मेमोरी स्थाई होती
है power सप्लाई बंद करने के बाद भी डेटा सेफ रहती है.
आज अपने किया सिखा?
आज के इस आर्टिकल में अपने
सिखा रोम क्या है, रोम कितने प्रकार के होती है, रोम का खोज किसने क्या, रोम कैसे
काम करता है. आशा करता हूँ की आपको मेरे आर्टिकल पसंद जरुर आया होगा और अभी आपको
कोई संदेह है, तो हमें कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकते हो. आपका बहुमूल्य समय देने के
लिए धन्यवाद. आपका दिन शुभ रहे.